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"आँगन / धर्मवीर भारती" के अवतरणों में अंतर
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रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना | रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना | ||
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मन का कोना-कोना | मन का कोना-कोना | ||
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कोने से फिर उन्हीं सिसकियों का उठना | कोने से फिर उन्हीं सिसकियों का उठना | ||
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फिर आकर बाँहों में खो जाना | फिर आकर बाँहों में खो जाना | ||
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अकस्मात् मण्डप के गीतों की लहरी | अकस्मात् मण्डप के गीतों की लहरी | ||
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फिर गहरा सन्नाटा हो जाना | फिर गहरा सन्नाटा हो जाना | ||
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दो गाढ़ी मेंहदीवाले हाथों का जुड़ना, | दो गाढ़ी मेंहदीवाले हाथों का जुड़ना, | ||
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कँपना, बेबस हो गिर जाना | कँपना, बेबस हो गिर जाना | ||
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रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना | रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना | ||
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मन को कोना-कोना | मन को कोना-कोना | ||
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बरसों के बाद उसी सूने-से आँगन में | बरसों के बाद उसी सूने-से आँगन में | ||
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जाकर चुपचाप खड़े होना ! | जाकर चुपचाप खड़े होना ! |
20:43, 4 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
बरसों के बाद उसी सूने- आँगन में
जाकर चुपचाप खड़े होना
रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना
मन का कोना-कोना
कोने से फिर उन्हीं सिसकियों का उठना
फिर आकर बाँहों में खो जाना
अकस्मात् मण्डप के गीतों की लहरी
फिर गहरा सन्नाटा हो जाना
दो गाढ़ी मेंहदीवाले हाथों का जुड़ना,
कँपना, बेबस हो गिर जाना
रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना
मन को कोना-कोना
बरसों के बाद उसी सूने-से आँगन में
जाकर चुपचाप खड़े होना !