भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नामदेव ढसाल / परिचय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{GKRachnakaarParichay |रचनाकार=नामदेव ढसाल }} {{GKCatJeevanVritt }} ==जन्म== 15 फ़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{KKRachnakaarParichay |
|रचनाकार=नामदेव ढसाल | |रचनाकार=नामदेव ढसाल | ||
}} | }} | ||
− | |||
==जन्म== | ==जन्म== | ||
15 फ़रवरी 1949 | 15 फ़रवरी 1949 | ||
+ | मृत्यु 15 जनवरी 2014 | ||
जन्म स्थान पूना के निकट एक गाँव में, महाराष्ट्र, भारत । | जन्म स्थान पूना के निकट एक गाँव में, महाराष्ट्र, भारत । | ||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह । | गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह । | ||
==विविध== | ==विविध== | ||
− | दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं। | + | दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं। |
− | + |
12:02, 15 जनवरी 2014 के समय का अवतरण
जन्म
15 फ़रवरी 1949 मृत्यु 15 जनवरी 2014 जन्म स्थान पूना के निकट एक गाँव में, महाराष्ट्र, भारत ।
प्रमुख कृतियाँ
गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह ।
विविध
दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं।