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आतंकवाद / रफ़ीक शादानी

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यहकी ख़ातिर करो ज़िहाद
मिटे विश्व से आतंकवाद.
पांच पाक के नालायक औलाद
तोसे तो अच्छे ज़ल्लाद.
बड़े बहादुर बनत हौ बेटा
आए के देखो फैज़ाबाद.
</poem>
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