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('हम सुन्यन आजु हयिं पँज पेड़वन म डिपटी के मुकामु हुक...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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हम सुन्यन आजु हयिं पँज पेड़वन म डिपटी के मुकामु
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हुकुम आवा कि करी जयि का साह्यब क सलामु।
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कारचोबी का अँगरखा, घुटन्ना मुसुरू का
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जामदानी का डुपट्टा, गरे माँ गलजिन्दा<ref>गले में लपेट कर बाँधी गयी छोटी चुन्नी स्कार्फ</ref>
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धरि कयि मूँड़े प झलकदार चँगरिया<ref>छोटी डलिया या टोकरी</ref> आयन,
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ठसक ते ठीस ते बीरा<ref>पान का बीड़ा</ref> चबायि मुस्क्यान्यन।
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चढ़ि कयि घ्वाड़ा प बडे़ ठाठ ते थाँम्यन जो लगामु
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चला सरपट्टि क अब का कही तुमते का नाउँ
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बात की बात माँ तम्बुन कि तरे ठाढ़ भयन
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साह्यब सलाम किहिनि, हम मुलउ जुहार<ref>नमस्कार</ref> किह्यन।
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03:58, 2 अगस्त 2014 के समय का अवतरण