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समय के हाशिए / महेश उपाध्याय
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08:46, 22 अगस्त 2014
कहाँ तक झेलें समय के हाशिए
पेट
कीख़ातिर
की ख़ातिर
हुए मजबूर
ख़ून छोड़ा, हो गए मज़दूर
अनिल जनविजय
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