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थोड़ी फेरबदल की जाए और बताया जाए | थोड़ी फेरबदल की जाए और बताया जाए | ||
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कम से कम साल में एक बार तो हो ही | कम से कम साल में एक बार तो हो ही |
11:28, 31 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
साल में कम से कम एक बार बाकायदा घोषणा
की जाए हमारी सरकार की उपलब्धियों की
ध्यान रहे उसमें भूख से हुई मौतों का ज़िक्र न हो
हाँ, हमारे खाद्यानों के बफर स्टॉक का विस्तृत ब्यौरा हो
हर साल छब्बीस जनवरी या पंद्रह अगस्त के दिन
शहीदों के नाम बाँटे जाएँ तमगे
(और फिर उनके बेवा बीवी-बच्चों की
कोई खोज़-ख़बर न ली जाए)
लक्ष्य की जाए ऊँची से ऊँची विकास दर
गाँव-गाँव तक पहुँचायी जाए
फोन, बिजली, पक्की सड़कें
और उनके पीछे-पीछे कोक और पेप्सी की बोतलें
पेयजल की समस्या से कहीं ज्यादा
घातक बतायी जाए एड्स की बीमारी
रोटी की जगह कंडोम बाँटे जाएँ मुफ्त
और साथ में सुरक्षित यौन संबंध की सलाह
भूरे लिफाफे और सूटकेसों के चलन में
थोड़ी फेरबदल की जाए और बताया जाए
कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ तेज कर दी गई है मुहिम
कम से कम साल में एक बार तो हो ही
न्यायपालिका से भिड़ंत
कम से कम दो बार किया जाए मंत्रिमंडल का विस्तार
और कम से कम तीन बार बदले जाएँ मंत्रियों के कार्यभार
निजीकरण के नाम पर की जाती रहे छँटनी लगातार
और तकनीकीकरण के नाम पर
शिक्षित बेरोजगारों उर्फ़ सस्ते श्रमिकों की विशाल फौज़
की जाए हर साल तैयार
राजधानी में सरेआम हो रहे बलात्कार और
बच्चों की किताबों पर हो रहे विवादों के बावजूद
घोषित किया जाए हरेक वर्ष को
महिला सशक्तिकरण वर्ष, पुस्तक वर्ष या
इसी तर्ज पर कुछ-कुछ
चुनाव के ठीक पहले तक
सुराज के मुद्दे पर कतई न छेड़ी जाए बहस
हाँ, गाँधी पर कराये जाएँ शोध पर शोध
पूरे साल संसद में चलायी जाए एक-दूसरे के ख़िलाफ़
नारेबाजी और इस्तीफे की माँग
धर्म और अल्पसंख्यक जैसे संवेदनशील मुद्दों पर
आते रहें नेताओं के उलटे-सीधे बयान
और गुपचुप किए जाते रहें घोटाले
पूरे पाँच बरस की जाए अगले चुनाव की तैयारी
भूमिका में बाँधे जाएँ लोकलुभावनी योजनाओं के पुल
अयोध्या से अमेठी तक किया जाए घृणा का विस्तार
और तब भी बहुमत न पाने का डर हो तो
गर्म कर दिया जाए अफवाहों का बाज़ार.