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"‘हटके’ / संजय आचार्य वरुण" के अवतरणों में अंतर
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23:08, 25 फ़रवरी 2015 के समय का अवतरण
म्हारै बखत रा लोग
पढ्योड़ लिख्योड़ा
डेढ़ हुसियार
सब रा सब
बणना चावै
भीड़ सूं न्यारा
करणौ चावै
‘कुछ हटके’
म्हैं बैठ्यो हूँ
एक पुस्तकालय में
इत्तां मिनखां थकै
पसर्योड़ौ है
सचेत सरणाटो।
सब बांच रह्या है
बिना छपीं
सादै कागदां री
किताब्यां
बड़ै मन चित्त सूं।