"भगवान करे...!!! / येव्गेनी येव्तुशेंको" के अवतरणों में अंतर
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− | + | भगवान करे, अन्धों को आँखें मिल जाएँ | |
− | मैं | + | और कुबड़ों की कमर भी सीधी हो जाए |
+ | भगवान करे, ईसा बनूँ मैं थोड़ा-सा | ||
+ | पर सूली पर चढ़ना मुझे ज़रा न भाए | ||
− | + | भगवान करे, सत्ता के चक्कर में नहीं पड़ूँ | |
− | मैं | + | और दिखावे के लिए हीरो भी मैं नहीं बनूँ |
+ | ख़ूब धनवान बनूँ, पर चोरी नहीं करूँ | ||
+ | क्या संभव है यह कि ख़ुद से भी नहीं डरूँ? | ||
− | + | भगवान करे, बनूँ मैं ऐसी मीठी रोटी | |
− | मैं | + | जिसे न खा पाए गुट कोई और न गोटी |
+ | बनूँ न मैं बलि का बकरा कभी, न कसाई | ||
+ | न मालिक बनूँ, न भिखारी कभी, मेरे सांई | ||
− | + | भगवान करे, जीवन में जब भी बदलाव हो | |
− | मेरे | + | जब हो कोई लड़ाई, मेरे न कोई घाव हो |
+ | भगवान करे, मेरा कई देशों से लगाव हो | ||
+ | अपना देश न छोडूँ, न ऐसा कोई दबाव हो | ||
− | + | भगवान करे, प्यार करे मुझे मेरा देश | |
− | + | ठोकर मारकर फेंक न दे मुझे कहीं विदेश | |
+ | भगवान करे, पत्नी भी मेरी प्यार करे तब | ||
+ | हो जाऊँ जब भिखारी और बदले मेरा वेष | ||
− | + | भगवान करे, झूठों का मुँह बंद हो जाए | |
− | + | बच्चे की चीखों में प्रभु का स्वर दे सुनाई | |
+ | चाहे रूप पुरुष का भर लें या स्त्राी का | ||
+ | भगवान करे, मनुष्य में ईसा मुझे दें दिखाई | ||
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+ | सलीब नहीं उसका प्रतीक हम पहने हैं गले में | ||
+ | और झुकते हैं ऐसे जैसे झुके कोई व्यक्ति ग़रीब | ||
+ | भगवान करे, हम नहीं नकारें सब कुछ को | ||
+ | विश्वास करें और ख़ुदा रहे हम सब के क़रीब | ||
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+ | भगवान करे, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ | ||
+ | सबको मिले धरती पर ताकि न कोई नाराज़ हो | ||
+ | भगवान करे, सब कुछ मिले हमें उतना-उतना | ||
+ | जितना पाकर सिर नहीं हमारा शर्मसार हो | ||
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22:59, 30 मार्च 2015 के समय का अवतरण
भगवान करे, अन्धों को आँखें मिल जाएँ
और कुबड़ों की कमर भी सीधी हो जाए
भगवान करे, ईसा बनूँ मैं थोड़ा-सा
पर सूली पर चढ़ना मुझे ज़रा न भाए
भगवान करे, सत्ता के चक्कर में नहीं पड़ूँ
और दिखावे के लिए हीरो भी मैं नहीं बनूँ
ख़ूब धनवान बनूँ, पर चोरी नहीं करूँ
क्या संभव है यह कि ख़ुद से भी नहीं डरूँ?
भगवान करे, बनूँ मैं ऐसी मीठी रोटी
जिसे न खा पाए गुट कोई और न गोटी
बनूँ न मैं बलि का बकरा कभी, न कसाई
न मालिक बनूँ, न भिखारी कभी, मेरे सांई
भगवान करे, जीवन में जब भी बदलाव हो
जब हो कोई लड़ाई, मेरे न कोई घाव हो
भगवान करे, मेरा कई देशों से लगाव हो
अपना देश न छोडूँ, न ऐसा कोई दबाव हो
भगवान करे, प्यार करे मुझे मेरा देश
ठोकर मारकर फेंक न दे मुझे कहीं विदेश
भगवान करे, पत्नी भी मेरी प्यार करे तब
हो जाऊँ जब भिखारी और बदले मेरा वेष
भगवान करे, झूठों का मुँह बंद हो जाए
बच्चे की चीखों में प्रभु का स्वर दे सुनाई
चाहे रूप पुरुष का भर लें या स्त्राी का
भगवान करे, मनुष्य में ईसा मुझे दें दिखाई
सलीब नहीं उसका प्रतीक हम पहने हैं गले में
और झुकते हैं ऐसे जैसे झुके कोई व्यक्ति ग़रीब
भगवान करे, हम नहीं नकारें सब कुछ को
विश्वास करें और ख़ुदा रहे हम सब के क़रीब
भगवान करे, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ
सबको मिले धरती पर ताकि न कोई नाराज़ हो
भगवान करे, सब कुछ मिले हमें उतना-उतना
जितना पाकर सिर नहीं हमारा शर्मसार हो