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<table width=100% style="background:none;background-color:#ffffff;border: 1px solid #d15600"><tr><td colspan=2 style="background-color:#d15600;">
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<font size=3>'''&nbsp;रेखांकित रचनाकार'''</font></td></tr>
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<tr><td valign=top>[[चित्र:Shivmangalsinghsuman.jpg|50px|right]]</td>
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<td valign=top>'''[[शिवमंगल सिंह सुमन]]''' का जन्म 5 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था। वे ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में हिंदी के व्याख्याता, माधव महाविद्यालय उज्जौन के प्राचार्य और फिर कुलपति रहे। सुमन जी प्रिय अध्यापक, कुशल प्रशासक, प्रखर चिंतक और विचारक माने जाते थे। प्रगतिवादी कविता के स्तंभ डा. सुमन लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचने के बाद 27 नवंबर 2002 को चिरनिद्रा में लीन हो गए।
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<table width=100% style="background:none;background-color:#c2d1e1;" cellpadding=2 cellspacing=2>
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<tr><td colspan=2 valign="top">[[चित्र:Leave-48x48.png|middle]]&nbsp;&nbsp;<font style="font-size:15px; font-weight:bold">रेखांकित रचनाकार</font></td></tr>
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<tr><td valign="top">[[चित्र:Shamsher 1.jpg|70px|right|top]]</td><td valign="top">[[शमशेर बहादुर सिंह]] का जन्म मुजफ्फरनगर के एलम ग्राम में हुआ। शिक्षा देहरादून तथा प्रयाग में हुई। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेजी कवि एजरा पाउण्ड से प्रभावित है। इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'कुछ कविताएँ', 'कुछ और कविताएँ', 'इतने पास अपने', 'चुका भी नहीं हूँ मैं', 'बात बोलेगी', 'उदिता' तथा 'काल तुझसे होड है मेरी'। ये कबीर सम्मान तथा [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित हुए।
 
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21:25, 22 मई 2011 के समय का अवतरण

Leave-48x48.png  रेखांकित रचनाकार
Shamsher 1.jpg
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म मुजफ्फरनगर के एलम ग्राम में हुआ। शिक्षा देहरादून तथा प्रयाग में हुई। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेजी कवि एजरा पाउण्ड से प्रभावित है। इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'कुछ कविताएँ', 'कुछ और कविताएँ', 'इतने पास अपने', 'चुका भी नहीं हूँ मैं', 'बात बोलेगी', 'उदिता' तथा 'काल तुझसे होड है मेरी'। ये कबीर सम्मान तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए।