गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सपने में / जहीर कुरैशी
1 byte added
,
18:08, 20 अप्रैल 2021
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>बबलू के ‘पर’ उग आते हैं सपने में,
बबलू पंछी बन जाते हैं सपने में।
सशुल्क योगदानकर्ता ५
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,477
edits