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"अरदास / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर
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05:55, 3 नवम्बर 2015 के समय का अवतरण
कविता लिखणो
किणी मिंदर मांय
पूजा करण सूं कमती नीं है
अर ना ईज किणी रो
भोग टाळण सूं कमती है
भाई सिरजणहार!
भळै जोवां बै सबद
जिण मांय कथीज्यो
दुनिया रो पैलो सांच
जिणा बोया मानखै मांय
बदळाव रा बीज
अर बै सबद
जिका कर्यो सागो सांच रो
लाधैला बै सबद
जिण सूं रचीजै सकै कोई मंतर
कै जागो
अर जाग जावै मानखो
कै चेतो
अर चेत जावै मानखो।