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"पग्गड़ सिंह का गाना / मनमोहन" के अवतरणों में अंतर
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शील्ड हमको चाहिए और फ़ील्ड हमको चाहिए | शील्ड हमको चाहिए और फ़ील्ड हमको चाहिए | ||
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सर पे पग्गड़ चाहिए और एक फ़ोटू चाहिए | सर पे पग्गड़ चाहिए और एक फ़ोटू चाहिए | ||
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गरज़ मोटी बात ये अख़बार सारा चाहिए | गरज़ मोटी बात ये अख़बार सारा चाहिए | ||
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इक दुनाली, एक हुक्का, एक मूढ़ा चाहिए | इक दुनाली, एक हुक्का, एक मूढ़ा चाहिए | ||
− | आना जाना | + | आना जाना हाक़िमों का, साथ मुस्टण्डे रहें |
जूतियाँ चाटें मुसाहिब, दुनिया चाहे जो कहे | जूतियाँ चाटें मुसाहिब, दुनिया चाहे जो कहे | ||
कौन है तू किसका पोता किस गली का है बशर | कौन है तू किसका पोता किस गली का है बशर | ||
− | क्या है तेरी | + | क्या है तेरी ज़ात जो तुझको भी टाइम चाहिए |
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21:14, 5 अक्टूबर 2018 के समय का अवतरण
शील्ड तो ये है हमारी क्योंकि हम हैं फ़ील्ड के
फ़ील्ड में तू है कहाँ जो तुझ को दे दें शील्ड ये
शील्ड हमको चाहिए और फ़ील्ड हमको चाहिए
फ़ील्ड में जो ’यील्ड’ है वो यील्ड हमको चाहिए
सर पे पग्गड़ चाहिए और एक फ़ोटू चाहिए
बीच का पन्ना समझ ले हमको डेली चाहिए
कुछ ये किनारा चाहिए कुछ वो किनारा चाहिए
गरज़ मोटी बात ये अख़बार सारा चाहिए
चौंतरा छिड़का हुआ हो, टहलुए दस-बीस हों
इक दुनाली, एक हुक्का, एक मूढ़ा चाहिए
आना जाना हाक़िमों का, साथ मुस्टण्डे रहें
जूतियाँ चाटें मुसाहिब, दुनिया चाहे जो कहे
कौन है तू किसका पोता किस गली का है बशर
क्या है तेरी ज़ात जो तुझको भी टाइम चाहिए