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"एक युग भयो / भीमदर्शन रोका" के अवतरणों में अंतर
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− | सधैँ | + | एक युग भयो, छाडेर घर |
− | सधैँ | + | म यात्री गर्न एक्लै सफर |
− | सधैँ दिनको एकै अन्त देख्दा | + | हिँडिरहेछु, साथी ! म हिँडिरहेछु |
− | किन हो किन लाग्दछ डर ? | + | आरम्भ छाडी अन्तदेखि बेखर ! |
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+ | एक युग भयो... | ||
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+ | सधैँ बिहान हिँड्न थाल्दछु म | ||
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+ | जहाँ जहाँ वास बस्दै जान्छु | ||
+ | ती सबलाई घर आफ्नै ठान्दै जान्छु | ||
+ | फर्कूँ यदि भोलि यही बाटो | ||
+ | गाह्रो पर्ला चिन्न मलाई मेरै घर ! | ||
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15:52, 23 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
एक युग भयो, छाडेर घर
म यात्री गर्न एक्लै सफर
हिँडिरहेछु, साथी ! म हिँडिरहेछु
आरम्भ छाडी अन्तदेखि बेखर !
एक युग भयो...
सधैँ बिहान हिँड्न थाल्दछु म
सधैँ साँझ, ताराहरु बाल्दछु म
सधैँ दिनको एकै अन्त देख्दा
किन हो किन लाग्दछ डर ?
एक युग भयो...
जहाँ जहाँ वास बस्दै जान्छु
ती सबलाई घर आफ्नै ठान्दै जान्छु
फर्कूँ यदि भोलि यही बाटो
गाह्रो पर्ला चिन्न मलाई मेरै घर !
एक गुग भयो...