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"एउटा अर्को रात / मुकुल दाहाल" के अवतरणों में अंतर
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10:23, 31 मई 2020 के समय का अवतरण
रातको झूसले
घोचिरह्यो रातभर
काठे
इस्पातिलो
धारिलो रातभर
निद्रा कतै गएर सुत्यो ।
र
रात आंखामा
रेटियो ।
आंखालाई
किल्ला बनाएर
रात पहरामा बस्यो ।
रात ढाडियो पेटमा ।
रातले फेरि एकपल्ट
भद्दा हमला गर्यो ।
अनिद्रा खोपेर
आंखाहरूमा
यो एउटा अर्को रात
मेरो मनमा धसियो ।