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"जिन्दगी / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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00:14, 9 मई 2020 के समय का अवतरण
जिन्दगी खाली कागज भएको भए,
ध्यान लगाएर अघाउँजी लेख्न हुन्थ्यो।
जिन्दगी लेखिएको पन्ना भएको भए
मन लगाएर धित मरुन्जेल पढ्न हुन्थ्यो।
यो जिन्दगी,
लत्पतिएका अक्षरले भरिएको
एउटा चिरकटो भयो,
न त यसमा लेख्नै सक्छु
न त यसलाई पढ्नै सक्छु।