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* कभी तक़सीर जिस ने की ही नहीं / 'इस्माइल' मेरठी | * कभी तक़सीर जिस ने की ही नहीं / 'इस्माइल' मेरठी |
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'इस्माइल' मेरठी
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जन्म | 1843 |
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निधन | 1917 |
उपनाम | इस्माइल |
जन्म स्थान | मेरठ,उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
रेज़ा-ए-जवाहर, कुल्लियत-ए-इस्माइल, और हयात-ओ-कुल्लियत-ए-इस्माइल | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'इस्माइल' मेरठी / परिचय |
ग़ज़लें
- आगाज़-ए-इश्क़ उम्र का अंजाम हो गया / 'इस्माइल' मेरठी
- इतना तो जानते हैं कि बंदे ख़ुदा के हैं / 'इस्माइल' मेरठी
- कभी तक़सीर जिस ने की ही नहीं / 'इस्माइल' मेरठी
- क्या किया अजल ने जान चुराई तमाम शब / 'इस्माइल' मेरठी
- नहीं मालूम क्या वाजिब है क्या फ़र्ज़ / 'इस्माइल' मेरठी
- निकहत-ए-तुर्रा-ए-मुश्कीं जो सबा लाई है / 'इस्माइल' मेरठी
- रुसवा हुए बग़ैर न नाज़-ए-बुताँ उठा / 'इस्माइल' मेरठी
- वहीं से जब कि इशारा हो ख़ुद-नुमाई का / 'इस्माइल' मेरठी
- कुछ अशआर / 'इस्माइल' मेरठी