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"होगा एक और शब्द / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

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नीली रंगतें बदलती
 
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आकाश और लहरों की
 
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बादल गुनगुनाता कुछ
 
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सपना-सा खुली आँखों का
 
सपना-सा खुली आँखों का
 
 
कैसा होगा यह दिन
 
कैसा होगा यह दिन
 
 
कैसा होगा  
 
कैसा होगा  
 
 
यह वस्त्र क्षणों का
 
यह वस्त्र क्षणों का
 
 
ऊन के धागों का गोला
 
ऊन के धागों का गोला
 
 
समय को बुनता
 
समय को बुनता
 
 
उनींदे पत्थरों को थपकाता
 
उनींदे पत्थरों को थपकाता
 
  
 
होगा एक और शब्द
 
होगा एक और शब्द
 
 
कहने को   
 
कहने को   
 
 
यह किसी और दिन
 
यह किसी और दिन
  
 
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'''रचनाकाल: 28.5.2001
 
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28.5.2001
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17:32, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

नीली रंगतें बदलती
आकाश और लहरों की
बादल गुनगुनाता कुछ
सपना-सा खुली आँखों का
कैसा होगा यह दिन
कैसा होगा
यह वस्त्र क्षणों का
ऊन के धागों का गोला
समय को बुनता
उनींदे पत्थरों को थपकाता

होगा एक और शब्द
कहने को
यह किसी और दिन

रचनाकाल: 28.5.2001