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"गळगचिया (56) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
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+ | दिन रै छोरै रे हाथ स्यूँ सूरज रो दड़ो छूट'र नीचै जा पड़यो, बापडै़ छोरै रो मूँड़ो कलूँठीज ग्यो'र आँख्याँ में आँसू आग्या। | ||
+ | अणसमझाँ रै भँवू तो अन्धेरो पड़ग्यो'र तारा चिमकण नै लागग्या । | ||
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16:04, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण
दिन रै छोरै रे हाथ स्यूँ सूरज रो दड़ो छूट'र नीचै जा पड़यो, बापडै़ छोरै रो मूँड़ो कलूँठीज ग्यो'र आँख्याँ में आँसू आग्या।
अणसमझाँ रै भँवू तो अन्धेरो पड़ग्यो'र तारा चिमकण नै लागग्या ।