भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"यह दुनिया / नाज़िम हिक़मत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नाज़िम हिक़मत |अनुवादक=अनिल जनवि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 23: | पंक्ति 23: | ||
दुनिया सीख जाए दोस्ती करना | दुनिया सीख जाए दोस्ती करना | ||
बच्चों को मिल जाए हमारे हाथों यह दुनिया | बच्चों को मिल जाए हमारे हाथों यह दुनिया | ||
− | और वे लगा दें दुनिया में | + | और वे लगा दें दुनिया में सनातन वृक्ष |
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
</poem> | </poem> |
20:17, 5 मार्च 2017 के समय का अवतरण
सिर्फ़ एक दिन के लिए
यह दुनिया
चलो, बच्चों को दे दें
खेलने के लिए
आकर्षक, चमकते गुब्बारे की तरह
सितारों के बीच खेलें वे गाते हुए
चलो, यह दुनिया दे दें बच्चों को
रोटी के एक गर्म टुकड़े की तरह
एक बड़े विशाल सेब की तरह
सिर्फ़ एक दिन के लिए काफ़ी होगा
चलो, दे दें यह दुनिया बच्चों को
सिर्फ़ एक दिन के लिए
दुनिया सीख जाए दोस्ती करना
बच्चों को मिल जाए हमारे हाथों यह दुनिया
और वे लगा दें दुनिया में सनातन वृक्ष
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय