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"भूख / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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उसके बाद आँखें
 
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फिर जिस्म में बाक़ी बची चीज़ों को
 
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छोड़ती कुछ भी नहीं है भूख
 
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वह रिश्तों को खाती है
 
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माँ का हो बहन या बच्चों का
 
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बच्चे तो उसे बेहद पसन्द हैं
 
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जिन्हें वह सबसे पहले
 
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और बड़ी तेज़ी से खाती है
 
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बच्चों के बाद फिर बचता ही क्या है।
 
बच्चों के बाद फिर बचता ही क्या है।
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10:31, 5 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

भूख सबसे पहले दिमाग़ खाती है
उसके बाद आँखें
फिर जिस्म में बाक़ी बची चीज़ों को

छोड़ती कुछ भी नहीं है भूख
वह रिश्तों को खाती है
माँ का हो बहन या बच्चों का

बच्चे तो उसे बेहद पसन्द हैं
जिन्हें वह सबसे पहले
और बड़ी तेज़ी से खाती है

बच्चों के बाद फिर बचता ही क्या है।