Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिलिप योन्जन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | आँखैमा लुकाई मुटुमा राखे, हितैको मायालाई | |
बिरानो बनी बिलौना पोख्छे, दुनिया हसाई | बिरानो बनी बिलौना पोख्छे, दुनिया हसाई | ||
मायैमा हुन्छ अन्जानको भुल, बेदना पोख्नु | मायैमा हुन्छ अन्जानको भुल, बेदना पोख्नु | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
मनको जलन तन भरी राखे, पोल्दछ जलेर | मनको जलन तन भरी राखे, पोल्दछ जलेर | ||
बिरह बड्दा चर्किन्छ छाती, बेदना बडेर | बिरह बड्दा चर्किन्छ छाती, बेदना बडेर | ||
− | + | काहाँ छ स्वर्ग को गाछ नर्क,के धर्म पाप | |
− | रुवाई मलाई हासेर | + | रुवाई मलाई हासेर बाँचे, लाग्नेछ सराप। |
</poem> | </poem> |
14:20, 9 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
आँखैमा लुकाई मुटुमा राखे, हितैको मायालाई
बिरानो बनी बिलौना पोख्छे, दुनिया हसाई
मायैमा हुन्छ अन्जानको भुल, बेदना पोख्नु
दुखेको आत्मा आसुले धुई, फुलैले सजाउनु।
पिडा बाडे सान्ति मिल्छ, पिडा मै नडुब्नु
धुखेको मुटु मायाले धुनु, निस्ठुरी नहुनु
खाली हात आयौ खाली जान्छौ,केही छैन लानु
रुवाई मलाई खुसीको हासो, कहिले नहास्नु।
मनको जलन तन भरी राखे, पोल्दछ जलेर
बिरह बड्दा चर्किन्छ छाती, बेदना बडेर
काहाँ छ स्वर्ग को गाछ नर्क,के धर्म पाप
रुवाई मलाई हासेर बाँचे, लाग्नेछ सराप।