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"राजधानी में बैल 5 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार= उदय प्रकाश
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आई.टी.ओ. पुल के पास
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दिल्ली के सबसे व्यस्त चौराहे पर
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खड़ा है बैल
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उसे स्मृति में दिखते हैं
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गोधूलि में जंगल से गांव लौटते
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अपने पितर-पुरखे
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उसकी आंखों के सामने
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किसी विराट हरे समुद्र की तरह
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फैला हुआ कौंधता है
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चारागाह
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उसके कानों में गूंजती रहती है
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पुरखों के रंभाने की आवाजें
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स्मृतियों से बार-बार उसे पुकारती हुई
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उनकी व्याकुल टेर
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बयालीस लाख या सैंतालीस लाख
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कारों और वाहनों की रफ़्तार और हॉर्न के बीच
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गहरे असमंजस में जड़ है वह
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आई.टी.ओ. पुल के चौराहे से
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कहां जाना चाहिए उसे
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पितरों-पुरखों के गांव की ओर
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जहां नहीं बचे हैं अब चारागाह
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या फिर कनॉटप्लेस या पालम हवाई अड्डे की दिशा में
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जहां निषिद्ध है सदा के लिए
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उसका प्रवेश ।
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01:16, 10 जून 2010 के समय का अवतरण