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जिसके हाते में | जिसके हाते में | ||
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रंग-बिरंग के फूल खिले हैं | रंग-बिरंग के फूल खिले हैं | ||
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ये कभी हमारा था | ये कभी हमारा था | ||
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और हम इसके मालिक हुआ करते थे | और हम इसके मालिक हुआ करते थे | ||
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लेकिन | लेकिन | ||
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अब हम इसके मालिक नहीं | अब हम इसके मालिक नहीं | ||
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हिस्सेदार भी नहीं | हिस्सेदार भी नहीं | ||
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किराएदार हो गए हैं | किराएदार हो गए हैं | ||
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पचपन साल नौ महीने सत्ताईस दिन से | पचपन साल नौ महीने सत्ताईस दिन से | ||
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हम अपने ही मकान में | हम अपने ही मकान में | ||
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किराएदार की हैसियत से | किराएदार की हैसियत से | ||
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रहते चले आ रहे हैं | रहते चले आ रहे हैं | ||
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मकान का | मकान का | ||
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ये ख़ुद-साख़्ता मालिक | ये ख़ुद-साख़्ता मालिक | ||
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बार-बार हमें | बार-बार हमें | ||
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निकाल देने की धमकियाँ दे रहा है | निकाल देने की धमकियाँ दे रहा है | ||
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19:03, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
ये आलीशान मकान
जिसके हाते में
रंग-बिरंग के फूल खिले हैं
ये कभी हमारा था
और हम इसके मालिक हुआ करते थे
लेकिन
अब हम इसके मालिक नहीं
हिस्सेदार भी नहीं
किराएदार हो गए हैं
पचपन साल नौ महीने सत्ताईस दिन से
हम अपने ही मकान में
किराएदार की हैसियत से
रहते चले आ रहे हैं
मकान का
ये ख़ुद-साख़्ता मालिक
बार-बार हमें
निकाल देने की धमकियाँ दे रहा है