"जिलाधीश / आलोक धन्वा" के अवतरणों में अंतर
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− | जैसी वह राजाओं के ज़माने में थी | + | जैसी वह राजाओं के ज़माने में थी |
− | यह जो आदमी | + | यह जो आदमी |
− | मेज़ की दूसरी ओर सुन रह है तुम्हें | + | मेज़ की दूसरी ओर सुन रह है तुम्हें |
− | कितने करीब और ध्यान से | + | कितने करीब और ध्यान से |
− | यह राजा नहीं जिलाधीश है ! | + | यह राजा नहीं जिलाधीश है ! |
− | यह जिलाधीश है | + | यह जिलाधीश है |
− | जो राजाओं से आम तौर पर | + | जो राजाओं से आम तौर पर |
− | बहुत ज़्यादा शिक्षित है | + | बहुत ज़्यादा शिक्षित है |
− | राजाओं से ज़्यादा तत्पर और संलग्न ! | + | राजाओं से ज़्यादा तत्पर और संलग्न ! |
− | यह दूर किसी किले में - ऐश्वर्य की निर्जनता में नहीं | + | यह दूर किसी किले में - ऐश्वर्य की निर्जनता में नहीं |
− | हमारी गलियों में पैदा हुआ एक लड़का है | + | हमारी गलियों में पैदा हुआ एक लड़का है |
− | यह हमारी असफलताओं और गलतियों के बीच पला है | + | यह हमारी असफलताओं और गलतियों के बीच पला है |
− | यह जानता है हमारे साहस और लालच को | + | यह जानता है हमारे साहस और लालच को |
− | राजाओं से बहुत ज़्यादा धैर्य और चिन्ता है इसके पास | + | राजाओं से बहुत ज़्यादा धैर्य और चिन्ता है इसके पास |
− | यह ज़्यादा भ्रम पैदा कर सकता है | + | यह ज़्यादा भ्रम पैदा कर सकता है |
− | यह ज़्यादा अच्छी तरह हमे आजादी से दूर रख सकता है | + | यह ज़्यादा अच्छी तरह हमे आजादी से दूर रख सकता है |
− | कड़ी | + | कड़ी |
− | कड़ी निगरानी चाहिए | + | कड़ी निगरानी चाहिए |
− | सरकार के इस बेहतरीन दिमाग पर ! | + | सरकार के इस बेहतरीन दिमाग पर ! |
कभी-कभी तो इससे सीखना भी पड़ सकता है ! | कभी-कभी तो इससे सीखना भी पड़ सकता है ! | ||
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00:48, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
तुम एक पिछड़े हुए वक्ता हो
तुम एक ऐसे विरोध की भाषा में बोलते हो
जैसे राजाओं का विरोध कर रहे हो
एक ऐसे समय की भाषा जब संसद का जन्म नहीं हुआ था
तुम क्या सोचते हो
संसद ने विरोध की भाषा और सामग्री को वैसा ही रहने दिया है
जैसी वह राजाओं के ज़माने में थी
यह जो आदमी
मेज़ की दूसरी ओर सुन रह है तुम्हें
कितने करीब और ध्यान से
यह राजा नहीं जिलाधीश है !
यह जिलाधीश है
जो राजाओं से आम तौर पर
बहुत ज़्यादा शिक्षित है
राजाओं से ज़्यादा तत्पर और संलग्न !
यह दूर किसी किले में - ऐश्वर्य की निर्जनता में नहीं
हमारी गलियों में पैदा हुआ एक लड़का है
यह हमारी असफलताओं और गलतियों के बीच पला है
यह जानता है हमारे साहस और लालच को
राजाओं से बहुत ज़्यादा धैर्य और चिन्ता है इसके पास
यह ज़्यादा भ्रम पैदा कर सकता है
यह ज़्यादा अच्छी तरह हमे आजादी से दूर रख सकता है
कड़ी
कड़ी निगरानी चाहिए
सरकार के इस बेहतरीन दिमाग पर !
कभी-कभी तो इससे सीखना भी पड़ सकता है !