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क्षणिकाएँ / रमा द्विवेदी
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16:34, 11 सितम्बर 2008
खूब इश्क़ फ़रमाते हैं,<br>
यह अलग बात है कि<br>
श्क़
इश्क़
के दायरे में नहीं आते।<br><br>
७<br>
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Ramadwivedi