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"बाल दोहे / गरिमा सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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जब बच्चों मन से पढ़ो, तब तो होगा नाम॥ | जब बच्चों मन से पढ़ो, तब तो होगा नाम॥ | ||
− | इमली में छोटी इ है, ई से होती ईख। | + | इमली में छोटी 'इ' है, 'ई' से होती ईख। |
पुस्तक अच्छी मित्र है, ले लो इनसे सीख॥ | पुस्तक अच्छी मित्र है, ले लो इनसे सीख॥ | ||
− | उ से पढ़ो उलूक सभी, ऊ से पढ़ लो ऊन। | + | 'उ' से पढ़ो उलूक सभी, 'ऊ' से पढ़ लो ऊन। |
− | वर्ण-ज्ञान | + | वर्ण-ज्ञान जिसको नहीं, उनका जीवन सून॥ |
− | ए से बनती एकता, ऐ से ऐनक गोल। | + | 'ए' से बनती एकता, 'ऐ' से ऐनक गोल। |
ओ से पढ़ लो ओखली, शिक्षा है अनमोल॥ | ओ से पढ़ लो ओखली, शिक्षा है अनमोल॥ | ||
− | औरत औ से सीख लो, अं से है अंगूर। | + | औरत 'औ' से सीख लो, 'अं' से है अंगूर। |
− | वर्ण अ से अ: तक सभी, स्वर हैं, रटो ज़रूर॥ | + | वर्ण 'अ' से 'अ:' तक सभी, स्वर हैं, रटो ज़रूर॥ |
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19:32, 21 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
'अ' से बना 'अनार' है, 'आ' से मीठा 'आम' ।
जब बच्चों मन से पढ़ो, तब तो होगा नाम॥
इमली में छोटी 'इ' है, 'ई' से होती ईख।
पुस्तक अच्छी मित्र है, ले लो इनसे सीख॥
'उ' से पढ़ो उलूक सभी, 'ऊ' से पढ़ लो ऊन।
वर्ण-ज्ञान जिसको नहीं, उनका जीवन सून॥
'ए' से बनती एकता, 'ऐ' से ऐनक गोल।
ओ से पढ़ लो ओखली, शिक्षा है अनमोल॥
औरत 'औ' से सीख लो, 'अं' से है अंगूर।
वर्ण 'अ' से 'अ:' तक सभी, स्वर हैं, रटो ज़रूर॥