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अपने शहर में  
 
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जब मैं कुछ बोलता था
 
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तो उसका
 
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जवाब आता था  
 
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अब मैं बोलता रहता हूँ  
 
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अकेला ही
 
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किसी काम नहीं आता
 
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मेरा बोलना
 
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यह बताने के भी नहीं
 
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कि मैं
 
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अपने शहर में हूँ !
 
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01:07, 4 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

अपने शहर में
जब मैं कुछ बोलता था
तो उसका
जवाब आता था

अब मैं बोलता रहता हूँ
अकेला ही

किसी काम नहीं आता
मेरा बोलना

यह बताने के भी नहीं
कि मैं
अपने शहर में हूँ !