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"बिना बल के जवान / छत्तीसगढ़ी" के अवतरणों में अंतर

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फोरे न फूटे सुपलिया ।<br><br>
 
फोरे न फूटे सुपलिया ।<br><br>

01:30, 13 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।

कांहा ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
कंहवा ले रे पान , कंहवा ले रे पान ।
कांहा ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
कंहवा के जवान , कंहवा के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............

कटनी ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
रायपुर ले रे पान , रायपुर ले रे पान ।
पटना ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
धमतरी के जवान , धमतरी के जवान ।
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है ...............