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सारे ही ओर छोर।
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जाने कितने
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टूटकर बिखरे
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घर,सपने।
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और बिछुड़ गए
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पलभर में
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कितनों के अपने।
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प्रकृति कैसे
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खेल रही है खेल
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कहीं है सूखा
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कहीं बाढ़ का पानी
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क्यों कर करे
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अपनी मनमानी।
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मची है कैसी
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ये अज़ब तबाही
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क्या होगी भरपाई?
  
 
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04:17, 11 जुलाई 2018 के समय का अवतरण


बाढ़ का पानी
फैला चारों ही ओर
डूब गए हैं
सारे ही ओर छोर।
जाने कितने
टूटकर बिखरे
घर,सपने।
और बिछुड़ गए
पलभर में
कितनों के अपने।
प्रकृति कैसे
खेल रही है खेल
कहीं है सूखा
कहीं बाढ़ का पानी
क्यों कर करे
अपनी मनमानी।
मची है कैसी
ये अज़ब तबाही
क्या होगी भरपाई?