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| − | भूल जाओ _ | + | देह से : मन से |
| − | हर व्यतीत-अतीत को, | + | गुज़रती |
| − | गाये-सुनाये | + | कामना-अनुभूत धारों को! |
| − | गीत को : संगीत को! | + | भूल जाओ _ |
| + | हर व्यतीत-अतीत को, | ||
| + | गाये-सुनाये | ||
| + | गीत को: संगीत को! | ||
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15:17, 1 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
भूल जाओ _
मिले थे हम
कभी!
चित्र जो अंकित हुए
सपने थे
सभी!
भूल जाओ _
रंगों को
बहारों को,
देह से : मन से
गुज़रती
कामना-अनुभूत धारों को!
भूल जाओ _
हर व्यतीत-अतीत को,
गाये-सुनाये
गीत को: संगीत को!