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"प्राण सींचती / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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जग सुन्दर | जग सुन्दर | ||
सुन्दर मन -ताल | सुन्दर मन -ताल | ||
भावों की छाया । | भावों की छाया । | ||
− | + | 65 | |
सूने हैं तट | सूने हैं तट | ||
आती नहीं आहट | आती नहीं आहट | ||
नीर अधीर। | नीर अधीर। | ||
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थकीं लहरें | थकीं लहरें | ||
बाँचे अनवरत | बाँचे अनवरत | ||
तीर की पीर। | तीर की पीर। | ||
− | + | 67 | |
नहाने आते | नहाने आते | ||
जब चाँद -सितारे | जब चाँद -सितारे | ||
तट हर्षाते । | तट हर्षाते । | ||
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नदियाँ सूखीं | नदियाँ सूखीं | ||
उजड़े पनघट | उजड़े पनघट | ||
गलियाँ मौन। | गलियाँ मौन। | ||
'''-0-7/2/2015''' | '''-0-7/2/2015''' | ||
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प्राण सींचती | प्राण सींचती | ||
सामगान -सी वाणी | सामगान -सी वाणी | ||
सद्यस्नाता- सी। | सद्यस्नाता- सी। | ||
− | + | 70 | |
नश्वर काया | नश्वर काया | ||
तुम्हारी मोहमाया | तुम्हारी मोहमाया | ||
बाँधे है मुझे। | बाँधे है मुझे। | ||
− | + | 71 | |
आँसू तुम्हारे | आँसू तुम्हारे | ||
भिगोएँ मेरा सीना | भिगोएँ मेरा सीना | ||
मैं बड़भागी। | मैं बड़भागी। | ||
− | + | 72 | |
रातों में जागूँ | रातों में जागूँ | ||
तुम्हारे लिए ही मैं | तुम्हारे लिए ही मैं | ||
दुआएँ माँगूँ । | दुआएँ माँगूँ । | ||
− | + | 73 | |
अंक में भरो | अंक में भरो | ||
उलझी नेह -डोर | उलझी नेह -डोर | ||
सुलझा भी दो। | सुलझा भी दो। | ||
− | + | 74 | |
प्राण अटके | प्राण अटके | ||
तुम न मिल सके | तुम न मिल सके | ||
हम भटके। | हम भटके। | ||
− | + | 75 | |
आँसू से धोए | आँसू से धोए | ||
सभी जीवन-द्वार | सभी जीवन-द्वार |
23:11, 5 मई 2019 के समय का अवतरण
64
जग सुन्दर
सुन्दर मन -ताल
भावों की छाया ।
65
सूने हैं तट
आती नहीं आहट
नीर अधीर।
66
थकीं लहरें
बाँचे अनवरत
तीर की पीर।
67
नहाने आते
जब चाँद -सितारे
तट हर्षाते ।
68
नदियाँ सूखीं
उजड़े पनघट
गलियाँ मौन।
-0-7/2/2015
69
प्राण सींचती
सामगान -सी वाणी
सद्यस्नाता- सी।
70
नश्वर काया
तुम्हारी मोहमाया
बाँधे है मुझे।
71
आँसू तुम्हारे
भिगोएँ मेरा सीना
मैं बड़भागी।
72
रातों में जागूँ
तुम्हारे लिए ही मैं
दुआएँ माँगूँ ।
73
अंक में भरो
उलझी नेह -डोर
सुलझा भी दो।
74
प्राण अटके
तुम न मिल सके
हम भटके।
75
आँसू से धोए
सभी जीवन-द्वार
मिला न प्यार।