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फ़िल्म ’लाल मिर्ज़ा’ के लिए सागर सिद्दीकी ने यह गाना लिखा था, जिसे सबसे पहले नूरजहाँ ने गाया था। नूरजहाँ का यह पहला गाना था, जो फ़िल्मों किसी पाकिस्तानी फ़िल्म में शामिल किया गया। गया था। इस गीत की धुन संगीतकार मास्टर आशिक़ हुसैन ने बनाई थी। सागर सिद्दीकी बेहद ग़रीबी में भिखारी के रूप में सड़क पर मरे थे और मास्टर आशिक़ हुसैन बाद में लाहौर में पकोड़े बेचने का ठेला लगाया करते थे और बेहद ग़रीबी में मरे।