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"बिना तुम्हारे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | दिन हैं आधे, रातें आधी | ||
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+ | धरती आधी | ||
+ | सृष्टि अधूरी | ||
+ | रब आधा है | ||
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+ | आधा नगर, डगर है आधी | ||
+ | आधे हैं घर, आँगन | ||
+ | क़लम अधूरी, आधा काग़ज़ | ||
+ | आधा मेरा तन-मन | ||
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+ | भाव अधूरे | ||
+ | कविता का | ||
+ | मतलब आधा है | ||
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+ | फागुन आधा, मधुऋतु आधी | ||
+ | आया आधा सावन | ||
+ | आधी साँसें, आधा है दिल | ||
+ | आधी है हर धड़कन | ||
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+ | जीवन आधा | ||
+ | पर मेरा दुख | ||
+ | कब आधा है | ||
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22:10, 21 जनवरी 2019 के समय का अवतरण
बिना तुम्हारे
हे मेरी तुम
सब आधा है
सूरज आधा, चाँद अधूरा
आधे हैं ग्रह सारे
दिन हैं आधे, रातें आधी
आधे हैं सब तारे
धरती आधी
सृष्टि अधूरी
रब आधा है
आधा नगर, डगर है आधी
आधे हैं घर, आँगन
क़लम अधूरी, आधा काग़ज़
आधा मेरा तन-मन
भाव अधूरे
कविता का
मतलब आधा है
फागुन आधा, मधुऋतु आधी
आया आधा सावन
आधी साँसें, आधा है दिल
आधी है हर धड़कन
जीवन आधा
पर मेरा दुख
कब आधा है