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"तुझको नमन / ओम नीरव" के अवतरणों में अंतर
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द्वार पर तेरे जले कितने दिये, | द्वार पर तेरे जले कितने दिये, | ||
लाल थे तेरे जिये तेरे लिए. | लाल थे तेरे जिये तेरे लिए. | ||
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मातृ भू कैसे करें तुझको नमन! | मातृ भू कैसे करें तुझको नमन! | ||
नीर-भोजन-चीर तेरे भोगते, | नीर-भोजन-चीर तेरे भोगते, | ||
गर्भ में तेरे खजाने खोजते। | गर्भ में तेरे खजाने खोजते। | ||
− | कर चले हम स्वार्थ में ममता | + | कर चले हम स्वार्थ में ममता दफ़न। |
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन! | मातृ भू कैसे करें तुझको नमन! | ||
10:43, 20 जून 2020 के समय का अवतरण
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
हैं अधूरे ही पड़े तेरे सपन!
द्वार पर तेरे जले कितने दिये,
लाल थे तेरे जिये तेरे लिए.
बुझ गए दे भी न पाये हम कफ़न।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
नीर-भोजन-चीर तेरे भोगते,
गर्भ में तेरे खजाने खोजते।
कर चले हम स्वार्थ में ममता दफ़न।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
हम पले जिस छत्र से आँचल तले,
आज उसमे छिद्र कितने हो चले।
देखकर भी मूँद लेते हम नयन।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
एक माटी का पतन-उत्थान क्या,
विश्व में उसकी भला पहचान क्या?
अस्मिता जिसकी कुचालों के रहन।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
घूँट पी अपमान का जीना वृथा,
आन पर मरना भला है अन्यथा।
हो सर्जन संकल्प या नीरव हवन।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!