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"सजनियाँ की होतइ / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर
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− | बहऽ हे सावन में गरम बयार सजनियाँ की | + | बहऽ हे सावन में गरम बयार सजनियाँ की होतइ |
− | फटल खेतवा में बड़का दरार रोपनियाँ की | + | फटल खेतवा में बड़का दरार रोपनियाँ की होतइ |
− | ऐसन गरमी देख-देख के जेठ-बइसाख लजा | + | ऐसन गरमी देख-देख के जेठ-बइसाख लजा हे |
− | देलन बिधाता जाने कइसन कउन जनम के सजा | + | देलन बिधाता जाने कइसन कउन जनम के सजा हे |
− | रोबऽ हे अँखिया जार-बेजार सजनियाँ की | + | रोबऽ हे अँखिया जार-बेजार सजनियाँ की होतइ |
− | दूर-दूर तक हमरा कहयँ पानी नजर | + | फटल .... |
− | आँख-मिचौली खेलते बदरा मनमाँ के ललचाबऽ | + | दूर-दूर तक हमरा कहयँ पानी नजर नञ् आबऽ हे |
− | काहे मौसम हो गेलइ बीमार सजनियाँ की | + | आँख-मिचौली खेलते बदरा मनमाँ के ललचाबऽ हे |
− | दुलहिन जइसन खेत सजऽ हल हर बरीस सावन | + | काहे मौसम हो गेलइ बीमार सजनियाँ की होतइ |
− | मन-मयूरा नाचऽ हलइ हर बरीस सावन | + | फटल .... |
− | बरसऽ हल दिन-रात रिमझिम फुहार सजनियाँ की | + | दुलहिन जइसन खेत सजऽ हल हर बरीस सावन में |
− | कूक सुनऽ ही कोयल के | + | मन-मयूरा नाचऽ हलइ हर बरीस सावन में |
− | कइसे गइतै हाँथ जोड़के झूमर अब | + | बरसऽ हल दिन-रात रिमझिम फुहार सजनियाँ की होतइ |
− | कब अँखिया में छइतइ खुमार सजनियाँ की | + | फटल .... |
+ | कूक सुनऽ ही कोयल के नञ् नाचे मोर पहिन पइजनियाँ | ||
+ | कइसे गइतै हाँथ जोड़के झूमर अब दुलहि नियाँ | ||
+ | कब अँखिया में छइतइ खुमार सजनियाँ की होतइ | ||
+ | फटल .... | ||
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14:56, 13 मार्च 2019 के समय का अवतरण
बहऽ हे सावन में गरम बयार सजनियाँ की होतइ
फटल खेतवा में बड़का दरार रोपनियाँ की होतइ
ऐसन गरमी देख-देख के जेठ-बइसाख लजा हे
देलन बिधाता जाने कइसन कउन जनम के सजा हे
रोबऽ हे अँखिया जार-बेजार सजनियाँ की होतइ
फटल ....
दूर-दूर तक हमरा कहयँ पानी नजर नञ् आबऽ हे
आँख-मिचौली खेलते बदरा मनमाँ के ललचाबऽ हे
काहे मौसम हो गेलइ बीमार सजनियाँ की होतइ
फटल ....
दुलहिन जइसन खेत सजऽ हल हर बरीस सावन में
मन-मयूरा नाचऽ हलइ हर बरीस सावन में
बरसऽ हल दिन-रात रिमझिम फुहार सजनियाँ की होतइ
फटल ....
कूक सुनऽ ही कोयल के नञ् नाचे मोर पहिन पइजनियाँ
कइसे गइतै हाँथ जोड़के झूमर अब दुलहि नियाँ
कब अँखिया में छइतइ खुमार सजनियाँ की होतइ
फटल ....