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नदी के हस्ताक्षर / कविता भट्ट
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15:16, 18 अगस्त 2019
अपने वेग से तुम्हारी सीने पर
अमिट हस्ताक्षर करूँगी
कुछ भी हो जाए; हठ है
मेरी
मेरा
कि
इन चट्टानों पर गहरी 'नदी' लिखूँगी।
किनारे को लगा कि
वीरबाला
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