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"अनचहा / संतरण / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर
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− | निर्मल भोली | + | निर्मल भोली |
− | लगता था: मेरी हो लीं ! | + | लगता था: मेरी हो लीं ! |
− | नेह भरी दिन भर डोलीं, | + | नेह भरी दिन भर डोलीं, |
− | यामा में | + | यामा में |
− | मदहोश गुलाबी आँखें खोलीं ! | + | मदहोश गुलाबी आँखें खोलीं ! |
− | रजनी-हासा | + | रजनी-हासा |
− | रजनी-गंधा | + | रजनी-गंधा |
− | परित्यक्ता हैं, | + | परित्यक्ता हैं, |
− | आज सभी परित्यक्ता हैं ! | + | आज सभी परित्यक्ता हैं ! |
− | ओ रजनी-हासा ! | + | ओ रजनी-हासा ! |
− | प्यासा.... प्यासा ! | + | प्यासा.... प्यासा ! |
− | चिर साधों के उत्सव | + | चिर साधों के उत्सव |
− | आगत नव जीवन के | + | आगत नव जीवन के |
− | स्वागत-पर्व | + | स्वागत-पर्व |
− | सभी | + | सभी |
− | गर्भ-क्षय-से पीड़क, | + | गर्भ-क्षय-से पीड़क, |
− | हीरक सपनों की रातें, | + | हीरक सपनों की रातें, |
− | मधुजा-सी बातें | + | मधुजा-सी बातें |
− | परित्यक्ता हैं ! | + | परित्यक्ता हैं ! |
− | मौन | + | मौन |
− | मन-मैना, | + | मन-मैना, |
− | बरसे नैना ! | + | बरसे नैना ! |
− | मधु-माधव बीत गया, | + | मधु-माधव बीत गया, |
− | ओ ! मधुपायी | + | ओ ! मधुपायी |
− | मधुरस रीत गया !< | + | मधुरस रीत गया ! |
+ | </poem> |
14:59, 30 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
केसर-सी मधु-गंधि
कुमारी अभिलाषाएँ,
अन्तरतम में संचित
युगों सहेजी आशाएँ
परित्यक्ता हैं !
निर्मल भोली
लगता था: मेरी हो लीं !
नेह भरी दिन भर डोलीं,
यामा में
मदहोश गुलाबी आँखें खोलीं !
रजनी-हासा
रजनी-गंधा
परित्यक्ता हैं,
आज सभी परित्यक्ता हैं !
ओ रजनी-हासा !
प्यासा.... प्यासा !
चिर साधों के उत्सव
आगत नव जीवन के
स्वागत-पर्व
सभी
गर्भ-क्षय-से पीड़क,
हीरक सपनों की रातें,
मधुजा-सी बातें
परित्यक्ता हैं !
मौन
मन-मैना,
बरसे नैना !
मधु-माधव बीत गया,
ओ ! मधुपायी
मधुरस रीत गया !