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"पनसोखा है इन्द्रधनुष / मदन कश्यप" के अवतरणों में अंतर

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|विषय=मदन कश्यप जितने प्रेम के कवि हैं, उतने ही प्रकृति, जीवन राग व संघर्ष के कवि भी। समाज व परिवार, सम्वेदना व करुणा उनमें भरपूर है।
 
|विषय=मदन कश्यप जितने प्रेम के कवि हैं, उतने ही प्रकृति, जीवन राग व संघर्ष के कवि भी। समाज व परिवार, सम्वेदना व करुणा उनमें भरपूर है।
 
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|पृष्ठ=108
 
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14:01, 21 नवम्बर 2019 के समय का अवतरण

पनसोखा है इन्द्रधनुष
Madan Kashyap -- book-5.jpeg
रचनाकार मदन कश्यप
प्रकाशक सेतु प्रकाशन
वर्ष 2019
भाषा हिन्दी
विषय मदन कश्यप जितने प्रेम के कवि हैं, उतने ही प्रकृति, जीवन राग व संघर्ष के कवि भी। समाज व परिवार, सम्वेदना व करुणा उनमें भरपूर है।
विधा मुक्तछन्द
पृष्ठ 108
ISBN
विविध
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