"नया पाठ / कुमार विकल" के अवतरणों में अंतर
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− | ग से | + | ग से गांधी |
− | लेकिन बच्चो कौन-सा | + | लेकिन बच्चो! कौन-सा गांधी? |
− | मोहनदास करमचंद | + | मोहनदास करमचंद गांधी |
− | बापू | + | बापू गांधी? |
− | राष्ट्रपिता महात्मा | + | राष्ट्रपिता महात्मा गांधी? |
− | ( बच्चों का समवेत ) | + | (बच्चों का समवेत स्वर) |
नहीं जानते हम बापू को | नहीं जानते हम बापू को | ||
− | नहीं जानते | + | नहीं जानते राष्ट्रपिता को |
हम तो केवल यही जानते | हम तो केवल यही जानते | ||
− | ग से | + | ग से गांधी |
− | एक नहीं बहुत से | + | एक नहीं, बहुत से गांधी |
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ख खरगोश | ख खरगोश | ||
− | मास्टर जी क्यों उड़ गये होश ? | + | मास्टर जी क्यों उड़ गये होश? |
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हमें नहीं बिल्कुल दोहराना | हमें नहीं बिल्कुल दोहराना | ||
− | उसमें एक ही | + | उसमें एक ही गांधी |
इ से इमली | इ से इमली | ||
− | आ से | + | आ से आंधी |
स से सोना | स से सोना | ||
− | च से | + | च से चांदी |
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भरे पड़े हैं मिल-गोदाम | भरे पड़े हैं मिल-गोदाम | ||
− | जेबों में बस चाहिए | + | जेबों में, बस, चाहिए दाम। |
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− | ग से | + | ग से गांधी |
− | एक नहीं बहुत से | + | एक नहीं बहुत से गांधी |
− | इ से | + | इ से गांधी |
− | स से | + | स से गांधी |
− | च से | + | च से चांदी-सोना गांधी |
घ से घर | घ से घर | ||
− | अब घर | + | अब घर चल |
− | आने वाली ज़ोर की | + | आने वाली ज़ोर की आंधी। |
10:13, 26 अगस्त 2008 के समय का अवतरण
[ देखो और सीखो पद्धति से ]
क कबूतर
ख खरगोश
ग से गांधी
लेकिन बच्चो! कौन-सा गांधी?
मोहनदास करमचंद गांधी
बापू गांधी?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी?
(बच्चों का समवेत स्वर)
नहीं जानते हम बापू को
नहीं जानते राष्ट्रपिता को
हम तो केवल यही जानते
ग से गांधी
एक नहीं, बहुत से गांधी
क कबूतर
ख खरगोश
मास्टर जी क्यों उड़ गये होश?
हुआ आपका पाठ पुराना
हमें नहीं बिल्कुल दोहराना
उसमें एक ही गांधी
इ से इमली
आ से आंधी
स से सोना
च से चांदी
नया पाठ है—
अ से अन्न
अन्न है किसी देश का धन
मेहनत करके अन्न उगा
लेकिन खुद कम से कम खा
क से कपड़ा
कपड़े से ढँकते है तन
जैसा कपड़ा वैसा मन
भरे पड़े हैं मिल-गोदाम
जेबों में, बस, चाहिए दाम।
ख से खोली
वह तो है बम्बइया बोली
सब को खोली ,सबको काम
पढ़ समाजवाद का नाम
ग से गांधी
एक नहीं बहुत से गांधी
इ से गांधी
स से गांधी
च से चांदी-सोना गांधी
घ से घर
अब घर चल
आने वाली ज़ोर की आंधी।