भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अयुगल / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=कला और बूढ़ा चांद / सुमित्रानंदन पंत | |संग्रह=कला और बूढ़ा चांद / सुमित्रानंदन पंत | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
ओ शाश्वत दंपति, | ओ शाश्वत दंपति, | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 15: | ||
और | और | ||
चेतना का आलोक है ! | चेतना का आलोक है ! | ||
+ | </poem> |
12:33, 13 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
ओ शाश्वत दंपति,
तुम्हारा असीम,
अक्षय
परस्पर का प्यार ही
मेरा
आनंद
मंगल
और
चेतना का आलोक है !