भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पूर्वबाट घाम झुल्क्यो / गीता त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= गीता त्रिपाठी |अनुवादक= |संग्रह=थ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
{{KKCatNepaliRachna}} | {{KKCatNepaliRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | पूर्वबाट घाम झुल्क्यो पश्चिम पर्यो छाया | |
− | पूर्वबाट घाम झुल्क्यो पश्चिम | + | |
दिनहरू बित्दै जाँदा बिरानो भो माया | दिनहरू बित्दै जाँदा बिरानो भो माया | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 19: | ||
सङ्लो पार्न सकिएन बिग्रिएको बानी | सङ्लो पार्न सकिएन बिग्रिएको बानी | ||
पानी खस्छ बलेँसीमा ठेलोभित्र प्यासी | पानी खस्छ बलेँसीमा ठेलोभित्र प्यासी | ||
− | + | बाँच्नुपर्यो वेदनालाई मनभरि साँची | |
</poem> | </poem> |
11:55, 3 मई 2020 के समय का अवतरण
पूर्वबाट घाम झुल्क्यो पश्चिम पर्यो छाया
दिनहरू बित्दै जाँदा बिरानो भो माया
उत्ताउलो रङ्ग चढ्दा लालुपाते फूलमा
भँवरो नि मायालु झैँ लाग्दोरैछ भूलमा
हुरीभन्दा छिटो उड्छ बतासिने मन
बादलमा हराउँछ पूर्णिमाको जून
प्यास जाग्यो कसो गरूँ धमिलो छ पानी
सङ्लो पार्न सकिएन बिग्रिएको बानी
पानी खस्छ बलेँसीमा ठेलोभित्र प्यासी
बाँच्नुपर्यो वेदनालाई मनभरि साँची