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"पूर्ण विराम / सपन सारन" के अवतरणों में अंतर
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20:33, 13 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
ओझल हुआ ख़ास
उम्र हुई उदास
हंसी का बढ़ा दाम
अब पूर्ण विराम ।
पंछी बोले शोर
चुभने लगा भोर
नियति का है काम
हो दान, पूर्ण विराम ।
दर्द की है धुन
कर्म रहा सुन
जाऊँ,कौनो धाम
जहाँ, पूर्ण विराम ।