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गुज़री पीढी
 
 
 
दूकान बढाने के लिए मजबूर एक मालिक
 
दूकान बढाने के लिए मजबूर एक मालिक
 
शासन को, नियम को,
 
शासन को, नियम को,

21:17, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

दूकान बढाने के लिए मजबूर एक मालिक
शासन को, नियम को,
उनके रक्षकों
और
अपने मातहतों को
भरपूर गालियाँ दे चुकने के बाद
अब
रोशनियाँ बुझाते
और
ताले बंद करते हुए
देखो । देखो ।
कैसे कोस रहा है उसी दूकान को ।