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"उल्टी धार बहें/ रामकिशोर दाहिया" के अवतरणों में अंतर

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ढले साँझ हम
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मीत, पड़ोसी
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दम से दम को साधे
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काम-काज में
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आदेश कायदे
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घर को नाच नचाते
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मन का चैन
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खुशी के पल छिन
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लम्बे पाँव लगाते
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हुकुम बजाकर
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बीवी- बच्चे
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कितना और ढहें
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-रामकिशोर दाहिया
 
-रामकिशोर दाहिया
  
 
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14:57, 21 मई 2021 के समय का अवतरण

 
भागदौड़ की
रोटी देखें
या फिर भूख सहें
किसको पकड़ें
किसको छोड़ें
किसके बीच रहें ?

शक्कर, दूध,
चाय की पत्ती
सब्जी, गरम मसाला
दिन निकले से
ढले साँझ हम
लौटे लिये निवाला
रिश्ते-नाते
मीत, पड़ोसी
उल्टी धार बहें

घिरनी जैसा
रोज़ घूमना
दम से दम को साधे
काम-काज में
कम पड़ते हैं
चौबिस घण्टे आधे
घण्टे, घड़ी,
मिनट सब तड़के
उठतै उठत दहें

दफ्तर के
आदेश कायदे
घर को नाच नचाते
मन का चैन
खुशी के पल छिन
लम्बे पाँव लगाते
हुकुम बजाकर
बीवी- बच्चे
कितना और ढहें
        
            
-रामकिशोर दाहिया