गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्रेम और नमक / सांत्वना श्रीकांत
130 bytes added
,
03:22, 16 नवम्बर 2022
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांत्वना श्रीकांत
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
प्रेम और नमक
रूपक हैं
मान कर
अवहेलित कर दिया गया..
</poem>
वीरबाला
4,844
edits