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"भ्रूण परीक्षण / नासिर अहमद सिकंदर" के अवतरणों में अंतर

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मेरे समने की बर्थ पर था
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मेरे सामने की बर्थ पर था
 
उनका परिवार
 
उनका परिवार
 
माँ
 
माँ

11:04, 21 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

मेरे सामने की बर्थ पर था
उनका परिवार
माँ
और दो बच्चियाँ

बड़ी बच्ची का चेहरा
हुबहू माँ की तरह गोल
चांद सरीखा

छोटी का
बड़ी बहन से मिलता-जुलता
लेकिन दिखने में उससे भी सुन्दर

बड़ी प्यारी हैं बच्चियाँ
मैंने
उनकी माँ से कहा

इस वाक्य पर बिना ध्यान दिए
वह खोई रही मुग्ध

अपने भ्रूण पर

जो निश्चित
लड़का था ।