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21:30, 18 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण
1. ईश्वर
ईश्वर हुआ लापता
बुद्धु मुज़रिम और मक्कार
निकले ढूंढ़ने
2. कवि
कविता तो लिखता है
लेकिन फिर वह पागल जैसा
बेज़ा हँसता है
3. देशभक्त
देशभक्त बीमार
अमरीकी अस्पताल में
है मरने को तैयार
4. राजनीतिज्ञ
धंधा नहीं ख़राब
मुल्क भले कंगाल हो
वह तो है नवाब
5. चोर
यह कैसा बग़दाद
छोटे चोर जेलों में
बड़े चोर आज़ाद
सिन्धी से अनुवाद : मोहिणी हिंगोराणी