भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रास्ता बनकर रहा / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) |
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
|विविध= | |विविध= | ||
}} | }} | ||
− | |||
* [[आँधियों के ज़ोर पर सूरज बुझाने के लिए / राहुल शिवाय]] | * [[आँधियों के ज़ोर पर सूरज बुझाने के लिए / राहुल शिवाय]] | ||
* [[वो तो हम सब को ही आपस में लड़ा देता है / राहुल शिवाय]] | * [[वो तो हम सब को ही आपस में लड़ा देता है / राहुल शिवाय]] |
17:08, 16 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण
रास्ता बनकर रहा
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | राहुल शिवाय |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 2024 |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- आँधियों के ज़ोर पर सूरज बुझाने के लिए / राहुल शिवाय
- वो तो हम सब को ही आपस में लड़ा देता है / राहुल शिवाय
- घुप अँधेरा है मगर तू रोशनी को ढूँढ ले / राहुल शिवाय
- रंग चाहे जो भी हों किरदारों की दस्तार में / राहुल शिवाय
- नये अहसास के मंज़र, जवां ख़्वाबों का गुलदस्ता / राहुल शिवाय
- अँधेरी रात का मातम है इन उजालों में / राहुल शिवाय
- मेमनों के जो बड़े नाख़ून करना चाहते हैं / राहुल शिवाय
- वो सामने थी मेरे खेलती नदी की तरह / राहुल शिवाय
- झूठ की हो न जाए फ़तह आज फिर / राहुल शिवाय
- सूरज के पाँवों में मुझे छाला नहीं मिला / राहुल शिवाय
- मैं तुम्हारी महफ़िलों में बस, हवा बनकर रहा / राहुल शिवाय
- वो अपने ज़िन्दगी भर की कमाई दे रहा है / राहुल शिवाय
- नये चेहरे यहाँ ऐसे भी निर्मित हो रहे हैं / राहुल शिवाय
- जब कभी प्रतिरोध में जंगल खड़े हो जाएँगे / राहुल शिवाय
- प्रगति की राह में अब भी अगर जंगल नहीं होगा / राहुल शिवाय
- उस दिवस अवतार के क़िस्से घटित हो जाएँगे / राहुल शिवाय
- हक़ीक़त देखकर, मन की अक़ीदत काँप जाती है / राहुल शिवाय
- लग रहा ईमान की बातों में हमको डर / राहुल शिवाय
- रहेगा कैसे भला अब उजास बस्ती में / राहुल शिवाय