गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हार की जीत / अरुण कमल
13 bytes added
,
07:16, 5 नवम्बर 2009
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
नहीं, मुझे अपनी परवाह नहीं
परवाह नहीं हारें कि जीतें
नहीं, यह बात किसी को मत बताना खड्ग सिंह
नहीं तो लोग ग़रीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे।
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits