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"चंदू, मैंने सपना देखा / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा  
 
 
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा  
 
 
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू  
 
 
चंदू,मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू  
 
चंदू,मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू  
  
 
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मैंने सपना देखा देखा, कल परसों ही छूट रहे हो
 
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चंदू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगें लूट रहे हो  
मैंने सपना देखा देखा, कल परसों ही छूट रहे हो चंदू
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चंदू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगे लूट रहे हो  
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चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलंडर  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलंडर  
 
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चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर मैं हूँ बाहर
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चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो  
 
 
चंदू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो  
 
 
  
 
चंदू मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा  
 
चंदू मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा  
 
 
चंदू मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा  
 
चंदू मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा  
 
 
चंदू मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो  
 
चंदू मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो  
 
 
चंदू मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो  
 
चंदू मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो  
 
 
  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम  
 
 
चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम  
 
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चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
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चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलेंडर  
 
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलेंडर  
  
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12:01, 18 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू
चंदू,मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू

मैंने सपना देखा देखा, कल परसों ही छूट रहे हो
चंदू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगें लूट रहे हो
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलंडर
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो
चंदू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो

चंदू मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा
चंदू मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा
चंदू मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो
चंदू मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो

चंदू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम
चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलेंडर

(1976)